कलीसिया की स्थापना

कलीसियाओं का रोपण एक ऐसी घटना है जो सुसमाचार सेवकों के मध्य अति व्याप्त है। साथ ही यह आरंभिक शिष्यों की भी एक बड़ी गतिविधि थी। सफल कलीसियाई रोपण के लिए कुशलता की जरूरत होती है और बहुगुणी कारकों को सम्मिलित किए होती है। डग हेवार्ड-मिल्स, तीन हज़ार कलीसियाओं के साथ विश्वव्यापी कैरिस्मेटिक संप्रदाय के संस्थापक, इस पुस्तक में कलीसिया रोपण के विभिन्न तत्वों का विश्लेषण करने में हमारी अगुवाई करते हैं। यह उन किसी भी सेवक के लिए एक प्रशिक्षण पुस्तका हो सकती है जो अपने जीवन और सेवकाई में कलीसिया रोपण को अपना दर्शन बनाना चाहते हैं।

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कलीसियाओं का रोपण एक ऐसी घटना है जो सुसमाचार सेवकों के मध्य अति व्याप्त है। साथ ही यह आरंभिक शिष्यों की भी एक बड़ी गतिविधि थी। सफल कलीसियाई रोपण के लिए कुशलता की जरूरत होती है और बहुगुणी कारकों को सम्मिलित किए होती है। डग हेवार्ड-मिल्स, तीन हज़ार कलीसियाओं के साथ विश्वव्यापी कैरिस्मेटिक संप्रदाय के संस्थापक, इस पुस्तक में कलीसिया रोपण के विभिन्न तत्वों का विश्लेषण करने में हमारी अगुवाई करते हैं। यह उन किसी भी सेवक के लिए एक प्रशिक्षण पुस्तका हो सकती है जो अपने जीवन और सेवकाई में कलीसिया रोपण को अपना दर्शन बनाना चाहते हैं।

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